आधुनिक भारत का कोई भी नेता ‘बाबा साहेब अम्बेडकर’ जितना महान विचारक नहीं : VC JNU
जेएनयू की वीसी ने कहा है कि जेंडर जस्टिस के प्रति सबसे बड़ा सम्मान यह होगा कि हम बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की महत्वाकांक्षा के अनुरूप समान नागरिक संहिता को लागू करें.उन्होंने कहा कि जब गोवा में यह क़ानून सभी धर्मो के लिए लागू हो सकता है जिसे पुर्तगालियों ने लागू किया था, तो बाक़ी देश में इसे क्यों नहीं लागू किया जा सकता. उन्होंने कहा, ”गोवा में समान नागरिक संहिता है जो पुर्तगालियों द्वारा लागू की गई थी, इसलिए वहां हिंदू, ईसाई और बौद्ध सभी ने इसे स्वीकार किया है, तो ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा.”उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि देश में अल्पसंख्यकों को सारे अधिकार दे दिए जाएं लेकिन बहुसंख्यकों को वे सभी अधिकार न मिलें. उन्होंने चेतावनी के अंदाज़ में कहा कि ऐसा होता रहा तो एक दिन यह चीज़ आपको इतनी उल्टी पड़ जाएगी कि इसे संभालना मुश्किल हो जाएगा.प्रो पंडित ने कहा कि आंबेडकर पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू करना चाहते थे क्योंकि बिना सामाजिक लोकतंत्र के राजनीतिक लोकतंत्र का लक्ष्य मृगतृष्णा ही रहेगा. उन्होंने कहा कि क़ानूनों की एकरूपता लोगों को प्रगतिशील और उनकी सोच को बड़ा बनाने के लिए ज़रूरी है.बाबा साहेब के बारे में उन्होंने कहा कि हमारे यहां आधुनिक भारत का कोई भी नेता उनके जितना महान विचारक नहीं था. गौतम बुद्ध के बारे में उन्होंने कहा है कि वे हमारे समाज में मौजूद ढांचागत भेदभाव को लेकर जगाने वाले शुरुआती लोगों में से एक थे.